देशांतर (Longitude) और अक्षांश (Latitude) का प्रभाव
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देशांतर (Longitude) और अक्षांश (Latitude) का प्रभाव — सम्पूर्ण ब्लॉग पोस्ट
भूमिका
पृथ्वी पर किसी भी स्थान की सही स्थिति बताने के लिए दो मुख्य भौगोलिक निर्देशांक उपयोग किए जाते हैं—अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude)। यही पृथ्वी को एक विशाल जाल (Grid System) की तरह विभाजित करते हैं और यही दो मानक हमारे मौसम, दिन-रात की अवधि, समय क्षेत्र, सूर्य की किरणों की तीव्रता, और मानवीय जीवन तक पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि अक्षांश और देशांतर क्या हैं और ये पृथ्वी पर जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।
1. अक्षांश (Latitude) क्या है?
अक्षांश वे काल्पनिक वृत्त हैं जो पृथ्वी को पूर्व–पश्चिम दिशा में घेरते हैं।
इनकी गिनती भूमध्य रेखा (Equator = 0°) से उत्तर और दक्षिण दिशा में होती है (90°N और 90°S तक)।अक्षांश क्यों महत्वपूर्ण है?
अक्षांश सीधे-सीधे सूर्य की किरणों के कोण को प्रभावित करता है, इसलिए इसका प्रभाव बहुत बड़ा होता है।
2. देशांतर (Longitude) क्या है?
देशांतर वे रेखाएँ हैं जो उत्तर ध्रुव से दक्षिण ध्रुव तक खिंची हुई हैं।
इनकी गिनती प्राइम मेरिडियन (0°, Greenwich) से पूर्व और पश्चिम दिशा में होती है (180°E और 180°W तक)।देशांतर क्यों महत्वपूर्ण है?
देशांतर मुख्य रूप से समय, समय-क्षेत्रों (Time Zones) और सूर्योदय–सूर्यास्त के स्थानीय अंतर को नियंत्रित करता है।
3. अक्षांश का प्रभाव (Latitude Effects)
(1) तापमान पर प्रभाव
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भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं → तापमान अधिक
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ध्रुवों पर किरणें तिरछी पड़ती हैं → तापमान कम
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इसी कारण पृथ्वी पर तीन मुख्य तापीय क्षेत्र हैं—
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उष्ण कटिबंध (Tropical Zone)
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समशीतोष्ण कटिबंध (Temperate Zone)
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शीत कटिबंध (Frigid Zone)
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(2) ऋतुओं पर प्रभाव
अक्षांश बदलने से सूर्य के प्रकाश की मात्रा बदलती है, इसलिए मैदानों, पहाड़ों और ध्रुवीय क्षेत्रों में ऋतुएँ अलग-अलग होती हैं।
(3) दिन और रात की लंबाई
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भूमध्य रेखा पर वर्षभर लगभग 12–12 घंटे दिन-रात
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जैसे-जैसे ध्रुवों की ओर जाते हैं, अंतर बढ़ता जाता
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ध्रुवों पर तो 6 महीने दिन / 6 महीने रात तक होती है
(4) वनस्पति और जीव-मंडल (Ecosystem)
अक्षांश बदलने पर—
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तापमान
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वर्षा
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हवाएँ
सब बदलती हैं → जिसके कारण जंगल, रेगिस्तान, घासभूमि और बर्फीले क्षेत्र अलग-अलग अक्षांशों पर पाए जाते हैं।
4. देशांतर का प्रभाव (Longitude Effects)
(1) समय निर्धारण (Time Calculation)
पृथ्वी 360° घूमने में 24 घंटे लेती है।
इसलिए हर 15° देशांतर पर समय में 1 घंटे का अंतर होता है।-
पूर्व की ओर जाने पर समय बढ़ता है
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पश्चिम की ओर जाने पर समय घटता है
उदाहरण:
भारत का समय GMT से +5:30 घंटे आगे है, क्योंकि भारत लगभग 82.5°E देशांतर पर स्थित है।(2) सूर्योदय और सूर्यास्त पर प्रभाव
एक ही अक्षांश पर स्थित दो शहरों में भी सूर्योदय-सूर्यास्त अलग हो सकते हैं, क्योंकि:
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पूर्व वाले स्थान पर सूरज पहले उगेगा
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पश्चिम वाले स्थान पर बाद में
(3) अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (IDL) का प्रभाव
180° देशांतर पर एक तिथि रेखा है।
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इसके पूर्व में एक दिन आगे
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पश्चिम में एक दिन पीछे
यही लाइन विश्व भर की तिथि (Date) को नियंत्रित करती है।
5. अक्षांश + देशांतर → संयुक्त प्रभाव
दोनों मिलकर निर्धारित करते हैं—
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किसी स्थान का जलवायु प्रकार (Climate)
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दिन-रात का अंतर
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सूर्य का कोण
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खेती के मौसम
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जंगल और जीव-जंतु
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स्थानीय समय और तिथि
किसी भी शहर की सटीक स्थिति जानने, GPS navigation, खगोल विज्ञान, विमानन, शिपिंग और मानचित्रण में यह दोनों अनिवार्य हैं।
निष्कर्ष
अक्षांश और देशांतर केवल रेखाएँ नहीं हैं—ये पृथ्वी पर जीवन के हर पहलू को आकार देने वाले सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक तत्त्व हैं।
जहाँ अक्षांश जलवायु, तापमान और ऋतुओं को नियंत्रित करता है, वहीं देशांतर समय, सूर्योदय-सूर्यास्त और तिथि को निर्धारित करता है।
इन दोनों को समझना पृथ्वी विज्ञान, ज्योतिषीय गणनाओं, यात्राओं और दैनिक जीवन—सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है।-
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