वैदिक ज्योतिष सम्पूर्ण पाठ्यक्रम - अवधि : 2.5 – 3 वर्ष

📜 अवधि : 2.5 – 3 वर्ष



(यदि पूरी निष्ठा से अध्ययन किया जाए तो इसे 18 महीनों में पूरा किया जा सकता है)

यह पाठ्यक्रम तीन स्तरों में विभाजित है :

  1. प्रारम्भिक स्तर (Prarambhik – Foundation) — वर्ष 1

  2. माध्यम स्तर (Madhyam – Intermediate) — वर्ष 2

  3. उत्तम / आचार्य स्तर (Uttam / Acharya – Advanced & Predictive) — वर्ष 3


🔹 स्तर 1 — प्रारम्भिक गणित ज्योतिष (Prarambhik Ganit Jyotish)

अवधि: 6 – 9 माह

📘 मुख्य विषय

A. गणित ज्योतिष (Mathematical Part):

  • ज्योतिष हेतु खगोल शास्त्र की मूल बातें

  • पृथ्वी, राशिचक्र, क्रान्तिवृत्त, खगोलीय विषुवत रेखा, आदि

  • समय गणना — स्थानीय समय (LMT), नाक्षत्रीय समय (Sidereal Time), IST से LMT परिवर्तन

  • सूर्योदय, सूर्यास्त, तिथि, नक्षत्र, योग, करण की गणना

  • ग्रहों की गति — मार्गी, वक्री, स्थिर

  • पंचांग और पंचांग सारणी (Ephemeris) का प्रयोग

  • भाचक्र (Zodiac) के विभाजन — राशि, नक्षत्र, पाद, द्रेष्काण, नवांश आदि

B. प्रारम्भिक फलित ज्योतिष (Basic Predictive Intro):

  • बारह भावों (Houses) का अर्थ और महत्व

  • बारह राशियाँ (Signs) — गुण, स्वामी, प्रकृति

  • नौ ग्रह (Planets) — स्वभाव, बल, दृष्टि, मित्रता, शत्रुता

  • लग्न की गणना और उसका महत्व

  • कुंडली के प्रकार – उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, व डायमंड स्टाइल

  • ग्रह दृष्टि (Graha Drishti) व राशि दृष्टि (Rashi Drishti)

📚 अनुशंसित ग्रंथ:

  • बृहत् पराशर होरा शास्त्र (BPHS) — अध्याय 1–10

  • सूर्य सिद्धांत — प्रारम्भिक अध्याय

  • लघुजातक — वराहमिहिर (वैकल्पिक)

  • पंचांग गणना — डॉ. बी.वी. रमन


🔹 स्तर 2 — माध्यम ज्योतिष (Madhyam Jyotish)

(गणित और फलित का समन्वय)
अवधि: 9 – 12 माह

📗 गणित ज्योतिष (Advanced)

  • ग्रहों की स्थिति व गोचर गणना

  • षड्बल (Shadbala), बालादि अवस्थाएँ, चेष्टा बल

  • वर्ग कुंडलियाँ (Vargas) — D1 से D60 तक का सार

  • दशा प्रणालियाँ — विम्शोत्तरी, योगिनी, कालचक्र दशा

  • लग्न और चंद्र से गोचर के नियम

📗 फलित ज्योतिष (Core Predictive)

  • भावेश (House Lords) और उनके परिणाम

  • राजयोग, धनयोग, अरिष्टयोग, विपरीत राजयोग

  • मारक, बाधक, केंद्राधिपति दोष

  • उपाय (Mantra, Yantra, Ratna, Dana)

  • कुंडली मिलान — अष्टकूट प्रणाली

  • वार्षिक कुंडली (वर्षफल)

📚 अनुशंसित ग्रंथ:

  • सरावली — कल्याण वर्मा

  • फलदीपिका — मन्त्रेश्वर

  • जातक पारिजात (चयनित अध्याय)

  • बृहत् जातक — वराहमिहिर


🔹 स्तर 3 — उत्तम / आचार्य ज्योतिष (Uttam / Acharya Jyotish)

(Applied & Predictive Astrology)
अवधि: 12 माह

📕 उन्नत गणित एवं फलित अध्ययन

  • दशा और गोचर का संयुक्त विश्लेषण

  • घटनाओं का समय निर्धारण (विवाह, करियर, जन्म, मृत्यु, स्वास्थ्य आदि)

  • अष्टकवर्ग प्रणाली

  • प्रश्न ज्योतिष (Horary Astrology)

  • मुहूर्त ज्योतिष (शुभ समय का चयन)

  • लौकिक / राष्ट्रीय ज्योतिष (Mundane Astrology)

  • कर्म सिद्धांत और ज्योतिष का आध्यात्मिक पक्ष

📚 अनुशंसित ग्रंथ:

  • बृहत् पराशर होरा शास्त्र — सम्पूर्ण अध्ययन

  • जैमिनी सूत्रम्

  • ताजिक नीलकण्ठी (वर्षफल हेतु)

  • मुहूर्त चिंतामणि

  • प्रश्न मार्ग


🧘‍♂️ वैकल्पिक (Spiritual & Practical Side):

  • प्रतिदिन पंचांग का अध्ययन

  • ग्रह ध्यान (Graha Meditation) — ग्रहों की ऊर्जा अनुभूति

  • संस्कृत सूत्रों का अध्ययन

  • उपनिषद, पुराण एवं कर्म सिद्धांत का अध्ययन


🕉️ अनुशंसित अध्ययन क्रम (Timeline Summary):

चरणअवधिमुख्य विषयलक्ष्य
वर्ष 16–9 माहगणित ज्योतिष की मूल बातेंकुंडली पढ़ने की नींव
वर्ष 29–12 माहफलित ज्योतिष व योग अध्ययनसटीक भविष्यवाणी का ढाँचा
वर्ष 312 माहउन्नत दशा–गोचर व उपायव्यावसायिक / आध्यात्मिक निपुणता

💻 आधुनिक अध्ययन सहयोग:

सॉफ्टवेयर:

  • जगन्नाथ होरा (JHora)

  • पराशर लाइट (Parashara Light)

  • दृक पंचांग (Drik Panchang)

संस्थागत पाठ्यक्रम (यदि औपचारिक अध्ययन चाहें):

  • भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली — ज्योतिष आचार्य कोर्स (2 वर्ष)

  • Indian Council of Astrological Sciences (ICAS) — ज्योतिष विशारद

  • ऑनलाइन गुरु–कुल: श्री संजय रथ का Sri Jagannath Center (SJC)


🧭 यदि आप अभी (नवंबर 2025) से आरंभ करें तो अनुशंसित क्रम:

अवधिअध्ययन केंद्रबिंदु
नव. 2025 – जून 2026गणित ज्योतिष की नींव, पंचांग, लग्न गणना
जुलाई 2026 – जून 2027फलित ज्योतिष व योग अध्ययन
जुलाई 2027 – दिस. 2028उन्नत अध्ययन — दशा, गोचर, प्रश्न, उपाय, शोध कार्य

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